लखनऊ 25 अप्रैल । हेल्पिंग हार्ट्ज़ फाउंडेशन के द्वारा पृथ्वी दिवस के अवसर पर
“मैं धरती हूँ ” नृत्य नाटिका का मंचन किया गया ।
जानी मानी लेखिका शायरा ज्योति किरण सिन्हा द्वारा लिखित एवम निर्देशित काव्य रचनाओ मे पिरोई काव्यात्मक नृत्य नाटिका “मैं धरती हूँ” का मंचन संगीत नाटक अकादमी में आयोजित किया गया । नृत्य नाटिका मे पर्यावरण ,प्रकृति ,धरती और गंगा जैसी पावन नदियों के संरक्षण की महत्ता पर ज़ोर दिया गया है। हेल्पिंग हार्ट्स के अध्यक्ष डॉ. नकुल सिन्हा साहब ने बताया आज के समय में प्रकृति के नियमों की अवहेलना , जंगलों की कटाई और धरती का खनन बहुत सी प्रकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ ,सुनामी, भूकंप ,जल और वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है और इसके लिए चलाये गए क्लीन गंगा स्वच्छ गंगा प्रोजेक्ट के प्रति जन मानस में जागरूकता फैलाने के लिए इस नृत्य नाटिका को मंचित किया है. पूर्व मे प्रथम मंचन 2019 मे प्रयागराज के कुम्भ मेले में संस्कृति विभाग के सौजन्य से मंचित किया गया था।
संत गाडगे संगीत नाटक अकादमी लखनऊ मे दूसरी प्रस्तुतिकरण हुआ है प्रमुख उद्देश्य यही है की ज्यादा से ज्यादा लोगों को नैसर्गिक धरोहर नदियों ,धरती और पूर्ण प्रकृति के प्रति संवेदनशील हो उसका संरक्षण और सम्मान करे ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ. राणा प्रताप सिंह ने धरती के संरक्षण के पार्टी अपने उदगार रखे। विशिष्ठ अतिथि –डॉ. विद्या बिंदु सिंह , डॉ मंसूर हसन , पूर्व लोकायुक्त जस्टिस वर्मा ,भातखण्डे विश्वविद्यालय की कुलपति मांडवी सिंह , श्री अरविन्द चतुर्वेदी थे
ज्योति किरण सिन्हा जी की लिखी कविता—- किसने ये दिनरात बनाये / बहुरंगी मौसम महकाये
सांझ ढले छुपकर अम्बर पे /चाँद का काशी के घाटों पे विचारी गंगा अक्सर सोचा करती
स्याह हुआ कैसे ये अम्बर पड़ गयी पली क्यों अब धरती
धरती के सौंदर्य का बखान करता गीत —–
हरियाली की चूनर ओढ़े पर्वत के कंगूरे काढ़े
झरने जैसे पायल झनके नदियां घुंघराली सी अलकें
मैं अपार सौंदर्य स्वामिनी नित नए रूप में मैं सजती हूँ
और पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह जी का लिखित अवधी गीत
मोरी गंगा मैय्या की धवल लहरिया
लहर लहर लहराए अँचरवा ने अवध की झलक दिखाई। डाक्टर
आकांक्षा श्रीवास्तव के निर्देशन में धरती की व्यथा कथा कहते गीतों के माध्यम से प्रियंका सिंह ने धरती के रूप में अपने सशक्त अभिनय ने प्रकृति के संरक्षण का अद्भुत सन्देश दिया ।
संगीत संयोजन — सुप्रसिद्ध गायक श्री बृजेन्द्र श्रीवास्तव श्री विकास मिश्र (तबला ) दिजेन्द्रो शर्मा ( सितार ) नृपेंद्र मिश्रा ( बांसुरी ) अभिजीत रॉय चौधरी ( सरोद )
गायन —प्रतीक्षा श्रीवास्तव ,प्रियांशी श्रीवास्तव ,बृजेन्द्र श्रीवास्तव
सूत्रधार .अंश रावत ,अंशिका कटारिया
धरती …. डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव
प्रियंका सिंह
गंगा…….प्रीति तिवारी
नृत्य कलाकार …. सपना सिंह
शैली मौर्या
खुशी मौर्या ,
विकास अवस्थी
प्रकश संयोजन –गोपाल सिन्हा ,मनीष सैनी
बैकग्राउंड वीडियो एंड मीडिया —नूपुर सिन्हा एंड स्वप्निल निगम
शहर के सभी कलाप्रेमियों, साहित्यकारों , पर्यावरणविदों , डॉक्टर्स और अन्य गणमान्य अतिथियों ने इस नृत्य नाटिका आनंद लिया।