तुलसी जयंती पर अवधी कवि सम्मेलन
लखनऊ, 4 अगस्त 2022। श्री राम लीला समिति ऐशबाग तुलसी शोध संस्थान एवं अयोध्या शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में तुलसी जयंती के अवसर पर आज तुलसी सभागार श्री रामलीला परिसर ऐशबाग में आयोजित अवधी कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में डॉ राम किशोर वर्मा संत तुलसी सम्मान-2022 व डॉ विनय भदौरिया अवधी गौरव सम्मान-2022 से सम्मानित हुए।
समारोह में मुख्य अभ्यागत डॉ लवकुश द्विवेदी ने संत तुलसी दास और भगवान श्री राम पर सम्यक प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि उत्तरी क्षेत्र के विधायक डॉ नीरज बोरा ने रामचरितमानस को जीवन का आधार बताया। इस मौके पर डॉ शिव भजन कमलेश द्वारा लिखित ‘छंदों की अन्तर्ध्वनि’ पुस्तक का लोकार्पण डॉ लव कुश द्विवेदी, डॉ नीरज बोरा, डॉ दिनेश चन्द्र अवस्थी, पंडित आदित्य द्विवेदी, हरीश चन्द्र अग्रवाल और सर्वेश अस्थाना ने किया।
इसी क्रम में संत तुलसी पर आयोजित विचार गोष्ठी में विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। डॉ दिनेश अवस्थी की अध्यक्षता और पंडित आदित्य द्विवेदी के संचालन में आयोजित अवधी कवि सम्मेलन में फारुक सरल ने सुनाया ‘ बिरवा झूरि झूरि हरियाने फुलवा फूली फूली मुस्क्याने, बरसै झिमिर झिमिर कै बदरा हो सावन मा हरेरी वार बन मा।
डॉ राम किशोर वर्मा की बानगी थी आजु का उत्सव तुलसी सभागार मा सब जने आये दादा के बेउहार मा, रामलीला समिति धन्नी भै बात यह पूरा लखनऊ पढ़ी काल्हि अखबार मा। कुमार तरल ने सुनाया ‘ घरु द्वार तजे सियाराम भजे प्रभुभक्ति मा डूबि गए यतना, रतना से न कम तिनकौ तुलसी से न कम तिनकौ रतना’।
जयदीप सिंह सरस ने खूब तालियां बजवायी, वहीं दूसरी ओर शशि श्रेया ने कहा ‘ हम तो रिस्तन कै खुशबू हैं चौका कै अगियारी हैं हम हेन ते हैं संसकार हमहेन ते दुनिया सारी है हमहेन रंग भरे हन घर की देहरी मा दीवारन मा, अइसे दौ वारै इक बिटिया सौ सौ बेटवन पर भारी है। डॉ विनय भदौरिया ने कई गंभीर चिन्तन के गीत प्रस्तुत किये। डॉ अशोक अज्ञानी के गीतों ने कार्यक्रम को परवान पर पहुंचाया। धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद अग्रवाल ने दिया।