अमित कुमार सैनी / धीरेन्द्र श्रीवास्तव
नैमिषारण्य,सीतापुर । आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा के रूप में मनाते हुये भक्तों ने तीर्थ स्थित प्राचीन स्वामी नारदानंद आश्रम में पीठाधीश्वर जगदाचार्य स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती के सानिध्य में बड़ी संख्या में भक्तों ने ब्रह्मलीन नारदानंद सरस्वती की समाधि का पूजन किया । श्रद्धालुओं ने स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। शौनक कुटी परिसर में स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि गुरु ही हम पर कृपा करके परमात्मा से मिलन और जीवन के कल्याण का मार्ग दिखलाते हैं उन्होंने कहा कि आने वाले दो माह तक दंडी सन्यासी को जल जैसे नदी – नाला एवं नहर को पार करना निषेध है । इसलिए संन्यासी दो माह तक एक ही स्थान पर निवास करते हुये परमात्मा का भजन करेंगे । इस अवसर पर शिक्षा सुधार समिति के अध्यक्ष अरविंद मोहन मिश्रा, मंत्री रामदास पाठक, कार्यवाहक मंत्री शांतिदेव त्रिपाठी, अनुभव पाण्डेय, आचार्य भाई धनंजय महाराज, सदस्य प्रकाश चन्द्र पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजन किया ।
शिष्यों ने अपने गुरुजनों को श्रद्धासुमन अर्पित कर आशीष लिया इस दौरान नैमिषारण्य के विभिन्न आश्रमों एवं मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। धर्मनगरी में गुरु पूर्णिमा की रौनक देखते ही बन रही थी । नैमिषारण्य में देश के अनेक स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने आदि गंगा गोमती एवं पौराणिक चक्रतीर्थ में स्नान कर ललिता देवी को शीश नवाया । इसके उपरांत अपने-अपने गुरुजनों का पूजन अर्चन किया।
इसी क्रम में वेद व्यास धाम में पीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री के शिष्यों ने उनका पूजन कर वस्त्र एवं दक्षिणा भेंट की, कालीपीठ मंदिर में भास्कर शास्त्री ने गुरु गोंदवलेकर की प्रतिमा का पूजन किया । शान्ति कुटी में स्वामी शाश्वतानंद सरस्वती, स्वामी आत्मानंद आश्रम, सूत गद्दी आश्रम, हनुमान गढ़ी, पहला आश्रम, अन्नपूर्णा आश्रम, स्वामी हरिहरानंद आश्रम एवं बालाजी मंदिर समेत के सभी देव स्थानों में पूरे दिन श्रद्धालुओं के आने एवं दर्शन – पूजन का क्रम चलता रहा।