रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ बुक फेयर : समापन
मेले में बिकीं लगभग 33 लाख रुपये की पुस्तकें
लखनऊ, 26 मार्च। उम्र शिक्षकों की ज्यादा होती है। साहित्यकारों और लेखकों की ज्यादा होती है। पुस्तक हमें एक सम्बल प्रदान करती है। पुस्तक अपनी अभिव्यक्ति को दर्शाने में एक सहायक की भूमिका निभाती है। किताबें मन और मस्तिष्क को स्वच्छ और स्वस्थ रखने का कारक बनती हैं।
उक्त विचार पूर्व उपमुख्यमंत्री व महापौर डा.दिनेश शर्मा ने सन दो हजार में अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में अपने सामने पढ़े गये शोध के हवाले से लखनऊ पुस्तक मेला समापन समारोह में व्यक्त किये। रवींद्रालय चारबाग में 17 मार्च से चल रहे 10 दिवसीय लखनऊ पुस्तक मेले आज अगले वर्ष के लिए विदा हो गया।
समारोह में मेले का भ्रमण करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और महापौर डा.दिनेश शर्मा ने पुस्तक मेले से 20 वर्षों के अपने जुड़ाव और प्रदेश के विकास का उल्लेख करते हुए आगे कहा कि जो लोग किताबें पढ़ते हैं, लिखते हैं उनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है। और जिनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है, उनकी आयु लम्बी होती है, शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए पढ़ना जहां बुद्धिमत्ता प्रदान करता है, वहीं स्वास्थ्य के लिए भी मददगार होता है। इससे पहले आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने पुस्तक मेलों की स्थापित की गयी परम्परा पर अपनी बात अतिथियों का स्वागत करते हुए रखी। मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने डा.दिनेश शर्मा को स्मृति चिह्न प्रदान किया, जबकि डा.शर्मा ने स्टाल धारकों और मेले के प्रमुख सहयोगियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये। आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में लगभग 33 लाख रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई। मेला दो दिन वर्षा से बाधित न हुआ होता तो बिक्री के आंकड़े कुछ और ही होते। रविवार के अंतिम दिन आज मेले में पुस्तक प्रेमियों की संख्या खूब रही। स्टाल धारक राहुल ने मेले के अपने अनुभव और बिक्री को अच्छा बताया। अभिनव छाबड़ा ने बताया कि साहित्य के संग अध्यात्मिक पुस्तकें ज्यादा बिकीं।
मेले में आज सुबह युवाओं के कार्यक्रम सूरज में मोहक प्रस्तुतियों के बाद नेचर क्लब और विश्वम फाउण्डेशन का सम्मान समारोह हुआ। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। युवाओं को जागरूक करते कार्यक्रम में कल आशीष शुक्ला के संयोजन में नवोन्मेष टीम के कुछ तो कहो सत्र 18 का अयोजन किया था। यहां साइबर क्राइम के बारे में एसएच आदिल, अजय प्रताप सिंह, सौरभ मिश्रा प्रशांत शर्मा आदि ने अपने विचार सामने रखे। आज दोपहर बाद डा.अजय प्रसून की अध्यक्षता, डा.रेनू द्विवेदी के संयोजन और संचालन राजीव वर्मा वत्सल के संचालन में आयोजित चारु काव्यांगन के कवि सम्मेलन में वर्षा श्रीवास्तव, सरोजबाला सोनी, डा.निर्भय नारायण गुप्त, मनमोहन बाराकोटी, श्रीशचन्द्र दीक्षित, प्रवीण कुमार शुक्ल, अलका अस्थाना, जितेंद्र मिश्र भास्वर, वंदना विशेष, प्रतिभा श्रीवास्तव, मधु पाठक, अनिता सिन्हा, उमा लखनवी, अमर श्रीवास्तव, शशि नारायण त्रिपाठी, शुभेन्द्र सिंह, प्रिया सिंह, अजय त्रिवेदी आदि ने रचनाएं पढ़ीं। की। मुख्य अतिथि डा.सत्यदेव पथिक और विशिष्ट अतिथि कुँवर कुसुमेश रहे। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि डा.निर्भय नारायण गुप्त को चारु काव्य श्री सम्मान से संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। अंत में विनोदकुमार द्विवेदी ने आभार व्यक्त किया। यह मेला फोर्स वन बुक्स के साथ ट्रेड मित्र, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, किरन फाउण्डेशन, ओरिजिन्स आदि के सहयोग से हुआ।