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खादी मेले में रतन सिस्टर्स ने किया कथक का भावपूर्ण प्रदर्शन

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खादी मेले में एलसीडब्ल्यू के फनकारों की धूम

लखनऊ, 28 मार्च।‌ राजकीय पालीटेक्निक अयोध्या रोड लखनऊ में आयोजित खादी फेस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रम की धूम मची है। लखनऊ कनेक्शन वर्ल्ड वाइड ग्रुप के सदस्यों के द्वारा सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गयी। ग्रुप के 5 वर्ष से लेकर 75 वर्ष के कलाकारों ने‌ गीत, संगीत, नृत्य, कविता, शेरो शायरी से दर्शकों को‌ आनंदित किया।‌ लखनऊ कनेक्शन वर्ल्ड वाइड फेसबुक पेज की ग्रुप एडमिन रश्मि मिश्रा ने बताया कि हमारा फेसबुक पेज पिछले 3 वर्षों से ग्रुप के फाउंडर सुनील मिश्रा एवं एडमिन अनिल शुक्ला एवं शोएब कुरेशी के कुशल नेतृत्व में कार्य कर रहा है। वरिष्ठ सदस्य राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि ग्रुप नियमित रूप से लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत ,अवधी भाषा,अवधी व्यंजन एवम महिला सशक्तिकरण की दिशा में अपने विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से लखनऊ से जुड़कर कार्य कर रहा है। आकाशवाणी अधिकारी सुमोना-संजय की जोड़ी के मंच संचालन में कलाकारों ने लोक गीतों, बालीवुड गीतो‌ पर गायन‌‌ और नृत्य कर धमाल मचाया। नृत्यांगन के बच्चों ने गणेश वन्दना ‘गणेशाय भालचंदाय’ से प्रारंभ किया। ईशान ने कैसियो पर आजा सनम मधुर चांदनी में हम की धुन से सुनने वालो को झुमाया। डीके मुकेश ने ‘तुम जो हमारे भीतर ना होते’ गीत से गीतकार मुकेश की याद दिला दी।
अनीता ने कविता पाठ ने
प्रवीन, सुषमा प्रकाश भजन‌ मुखड़ा लिए बड़ा प्यारा सुनाया। अमित हर्ष ने स्वरचित कविता लखनऊनामा गोमती तीरे बसा पहले आप का शहर का पाठ किया। राजीव कुमार वत्सल ने बांसुरी पर पारंपरिक शास्त्रीयता की झलक दिखाते हुए गीतों की माला प्रस्तुत की, रश्मि, आशीष, चन्द्रशेखर वर्मा, गायन दुर्गा स्तुति नृत्य किया,नम्रता, देवे , रश्मि डिबियानी,आशीष हवेलिया, विजय ‌ने दुर्गा शक्ति को नृत्य मे प्रस्तुत किया। कथक गुरु सुरभि सिंह की शिष्याओ रतन सिस्टर्स ईशा रतन मीशा रतन ने लखनऊ घराने का पारम्परिक कथक राम वंदना और‌ स्तुति प्रस्तुत की। पिता पुत्र की जोड़ी मुकेश और ईशान ने माउथ आर्गन और कैशियो पर‌ शानदार जुगलबंदी प्रस्तुत की। अरविंद मिश्रा, अश्वनी कुमार के गीतों पर शिवनृत्य‌ हुआ। इंदसारस्वत के भजन ‘रामा जन्मे अवध मां ‌मंगल गाओ ‘ ,आलोक सिंह ने कविता पाठ किया, आशीष नवल, विनोद श्रीवास्तव, मंजू नारायण, निवेदिता ने काव्य पाठ किया। भक्ति शुक्ला ने स्वरचित होली कान्हा होली खेले‌‌। देवी गीत मैया का रूप सजाओ ,स्वर्णिमा सिंह, निहारिका अग्रवाल, किशिका पाण्डे ने लावणी नृत्य प्रस्तुत करते हुए महाराष्ट्र की झलक दिखाई। रश्मि मिश्रा ने आज़ कल पांव जमीन पर पड़ते नहीं। हेरम्ब अवस्थी, अवधी नृत्य, जीनिशा जैन व अनायशा जैन, निर्मला शर्मा, अनुषी द्विवेदी,(ग़ज़ल), भानवी श्रीवास्तव बांसुरी वादन, राजीव कुमार वत्सल ने स्वरचित काव्य रचना प्रस्तुत करते हुए माहौल को काव्यमय कर दिया। राजीव कुमार सक्सेना और रश्मि त्रिपाठी ने रोज रोज याद आती थी गीत प्रस्तुत किया, विनोद श्रीवास्तव ने शेरा वाली के जयकारे लगाते हुए नवरात्रि में देवी स्तवन किया। महात्मा
गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किशिका पाण्डेय, साह्नवी वर्मा, अलका त्रिपाठी, निहारिका अग्रवाल, अनामिका बाजपेई ने‌ खादी मेले और खादी की जरूरत को बताया। संचियता बेरा, प्रवीण श्रीवास्तव, आनी देवासकर, प्रभजोत देवासकर आनी, देवासकर, गार्गी द्विवेदी, पीहू द्विवेदी ने सुमधुर गीतों की छटा बिखेरी।
इस अवसर पर अर्चना शुक्ला, ज्योति किरन रतन सविता चौधरी, अविनाश अरोडा, प्रदीप शर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद थे।

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