अरुण शेखर के व्यंग्य नाट्य संग्रह का विमोचन
चैनल की बेमतलब बहसों पर तीखा व्यंग्य ‘आ से आम….’
अर्पित की गयी स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि
लखनऊ, 6 फरवरी। मुम्बई लेखक अभिनेता अरुण शेखर के नाट्य संग्रह ’आ से आम पर चर्चा’ का लोकार्पण यहां संस्कार भारती संस्था के तत्वावधान में राजेन्द्रनगर स्थित कार्यालय में हुआ। इस अवसर पर दिवंगत स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गयी। अरुण शेखर की यह दूसरी पुस्तक है। पहला काव्य संग्रह ’मेरा ओर न छोर’ 2020 में प्रकाशित हुआ। दूसरा यह नाट्य संग्रह है। जिसमें तीन व्यंग्य नाटक आ से आम, चर्चा बिना खर्चा तथा कोरोना काल में एक कॉल। ’आ से आम पर चर्चा’ नाटक को मुम्बई के मशहूर अभिनेता श्रेयश तलपड़े के ओटीटी प्लेटफार्म 9-रासा के लिए निर्देशित किया। पुस्तक रूप में इसका प्रकाशन मुम्बई के प्रतिष्ठित आरके प्रकाशन ने हाल ही में किया है। इस लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन लेखक अखिलेश मयंक ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार, लेखक दयानंद पांडे ने संग्रह के एक नाटक को न्यूज़ चैनल की तमाम बहसों पर तीखा व्यंग्य बताया। जिनपर होने वाली बहस किसी काम की नहीं होती। अध्यक्ष दयानंद पांडे ने नाटक के बारे में बताते हुए कहा कि यह नाटक भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटक अंधेर नगरी की याद दिलाता है। प्रमुख अतिथि के तौर पर ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र ने भी लेखकीय कर्म की सराहना की और कहा कि इस नाटक के चरित्र समसामयिक स्थितियों पर करारा व्यंग्य करते हैं।
सरस्वती के माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अखिलेश मयंक ने सभी अतिथियों का परिचय कराया। पुस्तक के लेखक अरुण शेखर ने नाट्य लेखन के अनुभव को साझा किया। इस अवसर पर प्रभात, अमरेन्द्र सहाय अमर, प्रदीपनाथ त्रिपाठी, राजवीर रतन, आकाश व अन्य लेखक व कविगण उपस्थित थे।