लखनऊ 11 फरवरी। ज्योति कलश संस्कृति संस्थान के सदस्यों ने प्रोफेसर कमला श्रीवास्तव को भजनों की प्रस्तुति से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी । बीरबल साहनी मार्ग गोमती तट पर स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में प्रो0 कमला श्रीवास्तव की शिष्याएं एवं उनके प्रिय जनों ने अपनी प्रिय प्रो कमला श्रीवास्तव की रचनाओं एवं उनके द्वारा सीखाये गीत एवं भजनों के द्वारा से अश्रुपूरित नेत्रों से याद किया ।
कनक वर्मा के संयोजन और ज्योति किरन रतन के मंच संचालन में संस्था की अध्यक्ष डॉ0 उषा सिन्हा ने संस्था की पत्रिका अपूर्वा में प्रकाशित प्रो कमला जी की प्रसिद्ध रचना ‘श्रम’ एवं कुछ अन्य रचनाओं का पाठ किया ।नवनीता ने बजरंगबली का भजन, राखी अग्रवाल ने निर्गुण ‘कि तोहरा संग जाई’, सुषमा प्रकाश ने कमला जी का सिखाया हुआ भजन ‘मोहन की बांसुरी ऐसी बजी’,अरुणा उपाध्याय ने दीदी का ही सीखा निर्गुण ‘ ब्याह गीत अवध नगर से आयी बरात जनकपुर’, कनक वर्मा ने भी दीदी का सिखाया हुआ भजन ‘ मेरो मन राम ही राम रटे रे’ गा कर अपने भावपूर्ण उद्गागारो के साथ।
प्रो कमला श्रीवास्तव जी के अस्पताल मे अंतिम गीत जो दीदी ने अपने बेटे रविश खरे के कहने पर गाया था उसे सुनाया गया। कुमाऊं कोकीला विमल पंत ने कहते कबीर सुनौ भई साधो निर्गुण सुनाया,इन्द्रा श्रीवास्तव ,वीना सक्सेना, आकाश चन्द्रा, मीनू चन्द्रा, सहित अनेकों मित्रों, सहायकों ,शिष्यों ने अपनी गुरु मां के गीत़ो के जरिए श्रद्धा सुमन अर्पित किये । चन्द्रेश पाण्डेय ने हारमोनियम तथा श्याम जी शुक्ला ने ढोलक में साथ दिया । संस्था की संरक्षिका शिवा सिंह,रंजना शंकर,डा0 लक्ष्मी रस्तोगी, सहित अनेकों गणमान्य नागरिकों ने उपस्थित होकर प्रो कमला श्रीवास्तव जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।