परामर्श के साथ दो सौ से अधिक की हुई अल्ट्रासाउंड ,मैमोग्राफी, पैथोलॉजी /सायटोलाजी एवं बीएमडी नि:शुल्क जांच
आज गुरुवार को भी जारी रहेगा निःशुल्क ब्रेस्ट कैंसर कैम्प
लखनऊ : सहारा हॉस्पिटल गोमतीनगर में बुधवार को महिलाओं में स्तन से सम्बंधित समस्याओं के परामर्श के लिए नि:शुल्क शिविर का आयोजन किया गया जिसमें दो सौ से अधिक महिलाओं को परामर्श व उपचार मिला। इसके अलावा मरीजों की अल्ट्रासाउंड, मैमोग्राफी, पैथालॉजी /सायटोलाजी एवं बीएमडी नि:शुल्क जांच की गयी। प्रात: नौ बजे से शाम चार बजे तक चले शिविर में कई महिलाओं की जांच या परामर्श हेतु हॉस्पिटल प्रशासन ने शिविर में रजिस्ट्रेशन कराने वालों के लिए अगले तीन दिनों तक जांच व परामर्श नि:शुल्क करने की छूट दी।
शिविर का उद्घाटन सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर अनिल विक्रम सिंहजी ने डॉ. फरहा अरशद व उनकी टीम सहित फीता काटकर किया। इससे पूर्व शिविर में आयी महिलाओं को श्री सिंह ने पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित भी किया।
शिविर में महिला छाती स्तन महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.फरहा अरशद ने बताया कि अगर स्तन सम्बंधी कोई समस्या है तो इलाज कराने से पहले उसकी जांच करानी चाहिए। करीब सौ से अधिक महिलाओं को परामर्श देने के बाद उन्होंने बताया कि कई ऐसी महिलाएं और युवतियां आयीं थीं, जिनमें कैंसर की आशंका प्रतीक हुई है। इसके अलावा स्तन में गांठ, दर्द होना, स्तन का निप्पल अंदर की ओर मुड़ जाना या गंदा पानी आना, स्तन की त्वचा का सिकुड़ना, लाल पड़ना या स्तन में मवाद पड़ना, बगल में गिल्टियां निकलना आदि समस्याओं से परेशान थीं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे अभिभावक “सहाराश्री” ने विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सहारा हॉस्पिटल का निर्माण कराया, जहां के अनुभवी चिकित्सकों की टीम हॉस्पिटल के अलावा अन्य स्थानों पर नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में अपनी सेवाएं देती है। इसके पीछे उद्देश्य है कि लोगों तक अधिक से अधिक चिकित्सा सेवाएं पहुंचायी जाएं, ताकि किसी भी रोग के प्राथमिक चरण में उसका निदान हो जाए। श्री सिंह ने कहा कि एक परिवार में महिला की बहुत अहम जिम्मेदारी होती है, इसलिए उसका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि परिवार की जिम्मेदारियों के आगे महिलाएं अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे पाती है, या फिर लोकलाज के कई कारणों से अपनी समस्या किसी से नहीं कहती हैं। ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग नि:शुल्क शिविर एक मौका है कि जब समस्या को शुरुआती चरण में पकड़कर उसका शत प्रतिशत निदान पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में दवाओं के जरिए रोग का पूरी तरह से इलाज सम्भव है।
इस शिविर में लखनऊ के अलावा, सुल्तानपुर, गोरखपुर, बाराबंकी, गाजीपुर से भी आयी कई महिला मरीजों ने लाभ उठाया।