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“स्मृतियों के दर्पण में अवध” का लोकार्पण संपन्न

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लखनऊ 16 अक्टूबर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा आज आयोजित “स्मृतियो के दर्पण में अवध” पुस्तक लोकार्पण संपन्न हुआ । कार्यक्रम का प्रारंभ शरद मिश्र शेखर जी की वाणी वंदना से हुआ । तत्पश्चात निर्भय गुप्ता जी ने परिषद का गीत प्रस्तुत किया। बलरामपुर की जन्मभूमि और हिमाचल प्रदेश की कर्मभूमि से आए प्रसिद्ध इतिहासकार श्री पवन बख्शी लिखित पुस्तक “स्मृतियों के दर्पण में अवध ” पुस्तक का लोकार्पण किया गया
मुख्य वक्ता डॉ० जितेन्द्र कुमार सिंह संजय (सोनभद्र) ने लेखक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए इस लोकार्पित कृति को भारतीय इतिहास का एक प्रमुख दस्तावेज बताया। विशिष्ट अतिथि अवध के पूर्व तालुकेदार राजा राजेन्द्र सिंह जी एवं राजा संजय प्रताप सिंह जी ने कहा कि लेखक ने इस पुस्तक के माध्यम से तालुकेदारो के जीवन को विशिष्ठ बना दिया है। मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री सरजीत सिंह डंग ने कहा की पवन बक्सी जी ने अपने लेखन के द्वारा अवध के इतिहास को लोगो के लिए आसानी से पढ़ने और सुनने के लिए योग्य बना दिया है । अवधी भाषा के प्रसिद्ध लेखक राम बहादुर मिश्र जी ने बाजारवाद के कारण लोग इतिहास को भूलते जा रहे है जबकि इतिहास पर ही आज का वर्तमान है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा मधुसूदन उपाध्याय ने कहा की अवध का दुर्भाग्य है की आज भी इतिहास के शोधार्थी आज भी मुगलों पर शोध कर रहे लेकिन क्षेत्रीय लेखन में अवध के इतिहास को शोध के लिए नहीं चुनना चाहते है । अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुशील चंद्र त्रिवेदी “मधुपेश” ने कहा की स्मृतियों में अवध पुस्तक में लेखक ने सटीक लेखन का प्रयोग करके छोटे छोटे जिले के तालुकेदारो के बारे में लिखा चित्र भी एकत्र किए है।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद लखनऊ महानगर अध्यक्ष विजय मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा की यह विडंबना है की विद्यालय और विश्विद्यालय की पुस्तकों को जितना ज्यादा नुकसान 1947 के बाद पहुचाया है उतना अंग्रेजो ने भी नही किया था। कार्यक्रम संयोजक एवं संचालक उत्तर प्रदेश संयुक्त महामंत्री डॉ० शिवमंगल सिंह जी ने लेखक को अपने लेखन और जामना, सिरमौर (हिमाचल प्रदेश ०) में किए जा रहे निशुल्क मानसिक चिकित्सा आश्रम की सराहना की ।अवध क्षेत्र से जुड़े बलरामपुर जिले के विद्वान साहित्यकाकर डॉ अनिल गौड़ एवं प्रदीप मिश्र को ‘साहित्य प्रभाकर सम्मान से सम्मानित किया गया।

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