धीरेन्द्र श्रीवास्तव /हेमलता न्यूज लाइव
सीतापुर। 84 कोसीय परिक्रमा के लिए भक्तो का आवागमन अमावस्या के एक दिन पहले से ही आना शुरू हो गया मेले में अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस तपोभूमि पर अन्य जिलों, प्रदेशो व पड़ोसी देश नेपाल से आये लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र हुई जो अमावस्या की रात नैमिष के विभिन्न आश्रमों सहित खाली पड़े मैदान पर तम्बू लगाकर विश्राम करेंगे और आश्रमों में चल रहे भंडारे में प्रसाद भी ग्रहण करेंगे कई आश्रमों में तो इनके द्वारा जागरण करके ढोलक और खंजड़ी की धुन पर राम नाम का जाप किया जायेगा फिर सुबह तड़के स्नानादि करके माँ ललिता देवी के दर्शन करेंगे
परिक्रमा मेले का शुभारंभ पहला आश्रम के महन्त भरत दास (डंका वाले बाबा) डंका बजाकर करेंगे फिर रामादल (परिक्रमार्थी) ढोल नगाड़ों व घण्टा घड़ियाल बजाते हुए भैरमपुर मार्ग होते हुए मेले के लिए कूच करेंगे जहाँ मेले में रामादल के अधिकांश लोग पैदल जायेंगे वहीं कुछ लोग पालकी, घोड़ा, हाथी और ऊँट की सवारी करते हुए जायेंगे जिसमें गृहस्थ जीवन के लोग, साधू सन्त और सन्यासी लोग पुण्य की आकांक्षा लेकर शामिल होंगे यह रामादल भैरमपुर मार्ग पर बनाये गए द्वार से होते हुए प्रथम पड़ाव के लिए जाएंगे जहां रामादल पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया जायेगा
इन पड़ावों से होते हुए गुजरेगा रामादल ,,
पहला पड़ाव कोरौना, दूसरा हरैय्या, तीसरा कोथावां नगवा, चौथा गिरधरपुर उमरारी पाँचवाँ साखिन गोपालपुर , छठा देवगवाँ, सातवाँ मड़रूआ, आठवाँ जरिगवां, नौवाँ नैमिषारण्य, दसवाँ कोल्हुआ बरेठी और ग्यारहवाँ मिश्रिख होगा ।