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यूपी महोत्सव में कवियत्रियों ने रचनाओं से दिखाए नारी के विभिन्न रूप

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यूपी महोत्सव की सांकृतिक संध्या में कवियत्रियों ने किया काव्य पाठ

लखनऊ। यूपी महोत्सव के पोस्टल ग्राउण्ड, सेक्टर ओ, अलीगंज में रविवार को सांस्कृतिक प्रांगण में प्रगतिशील मानव कल्याण एवं शिक्षण संस्थान व साहित्य 24 के संयुक्त तत्वावधान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। काव्य रंग 2023 ‘नारी के रूप अनेक’ विषय पर आयोजित कवि सम्मेलन का संयोजन राधा बिष्ट के द्वारा ओम सिंह की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हिंदी संस्थान लखनऊ की प्रधान संपादक डॉ अमिता दुबे रही। उन्होंने क्या है बेटियां…’ सुनाकर सभी की जोरदार तालियां बटोरी।
संस्था की प्रदेश अध्यक्ष व कार्यक्रम का संचालन कर रही राधा बिष्ट ने मां के लिए कहा- ‘माता सदा सुनाती ममता बच्चों के लिए …पढ़कर पूरे पांडाल को भाव विभोर कर दिया। ओम सिंह ने ‘अभी तो इतिहास रचना बाकी है..के माध्यम से नारी के आत्मविश्वास को प्रदर्शित किया। डॉ सुषमा श्रीवास्तव ने नारी की महिला का गुणगान ‘नारी केवल नारी ही, जो सकल विश्व में छाई है। सृजन की शक्ति लिए अंतस् में, ब्रह्म लोक से आई है…’ सुनाकर किया। शक्ति वाजपेई ‘सरल’ ने अबला सबला नामों का तिरस्कार काली हूं.., अल्का प्रमोद ने गांधारी सच बताना, क्यो लिया तुमने निर्णय आखों में पट्टी बांधने का…, मधुपाठक उर्फ मांझी ने ‘आसमान तक पहुंचकर भी जो जमीन से जुड़ी रहती है..’ नारी के स्वरूप को दिखाया। डॉ रश्मि सिन्हा ने बेटियां जब बड़ी हो जाती है, सिर्फ बेटी नहीं दोस्त हो जाती है..सुनाकर तालियां बटोरी।
इसके तत्पश्चात नेह अग्रवाल ‘नेह ‘ ने तुम छपाक से फेक आए तेजाब.. व पलक ने वह सदन शून्य हो जाता है जिस घर मे बेटी आती है..अपनी प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद डॉ रश्मि श्रीवास्तव, आकांक्षा, रितुजा बघेल, डॉ दीपा सनवाल आदि ने एक एक करके अपना अपना काव्यपाठ किया। कवि सम्मेलन में कवियों की रचनाओं को सुन महोत्सव घूमने आये लोग भी स्वयं को इस पंडाल तक आने से नहीं रोक सके। सभी ने मंत्रमुग्ध होकर काव्य पाठ का आनंद लिया और हर रचना के बाद पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षा कर रही ओम सिंह ने सभी कवियत्रियों का आभार प्रदर्शित किया। कार्यक्रम संयोजिका राधा बिष्ट ने सभी को पौधा प्रदान कर सम्मानित किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कवियत्री करुणा पाण्डेय, समाजसेविका शिखा सिंह, विवेक पाण्डेय, मोहन सिंह विष्ट, मनोज सिंह चौहान, मोहम्मद कामरान खान समेत बड़ी संख्या में काव्य प्रेमी मौजूद रहे।

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