Home आध्यात्म जग जीवन मिश्र को संत तुलसी व राम नरेश को अवधी गौरव...

जग जीवन मिश्र को संत तुलसी व राम नरेश को अवधी गौरव सम्मान-2023 मिला

93
0

अवधी कवि सम्मेलन में हंसी ठिठोली की बयार बही

लखनऊ, 23 अगस्त 2023। श्री रामलीला समिति ऐशबाग तुलसी शोध संस्थान के तत्वावधान में आज दोपहर तुलसी सभागार में तुलसी जयन्ती (अवधी दिवस) पर आयोजित समारोह में डॉ जग जीवन मिश्र को संत तुलसी व डॉ राम नरेश को अवधी गौरव सम्मान-2023 मिला।

समारोह में मुख्य अतिथि डॉ दिनेश शर्मा पूर्व उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि पवन सिंह चौहान सदस्य विधान परिषद, पं. आदित्य द्विवेदी और हरीश चन्द्र अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कवि डॉ जग जीवन मिश्र (सीतापुर) को संत तुलसी सम्मान-2023 एवं साहित्यकार डॉ. राम नरेश (उन्नाव) को अवधी गौरव सम्मान-2023 से सम्मानित किया।

अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश शर्मा (पूर्व उपमुख्यमंत्री) ने कहा कि अवधी संस्कार की भाषा है। विशिष्ट अतिथि पवन सिंह (सदस्य विधान परिषद) ने बाबा तुलसी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होनें आगे कहा कि जो मिठास अवधी भाषा में है, वह अन्यन्त्र दुर्लभ है। मयंक रंजन ने अवधी को मातृभाषा बताया।

समारोह में डॉ दिनेश अवस्थी की अध्यक्षता एवं डॉ अशोक अज्ञानी के संचालन में आयोजित अवधी कवि सम्मेलन में डॉ. रामनरेश ने अवध महत्ता को आलोकित करते हुए सुनाया -हिन्दी की सह भाषाओं में अवधी सर्वाधिक उदान्त भाषा है, जिसने भारतीय संस्कृति को श्रेष्ठतम रूप में संवारा है। जगजीवन मिश्र ने एक मुक्तक में कहा- दास जो राम के जिनगी भर हुई गये, उनके अपने से दूसरे के घर हुई गये, प्रेरणा अब दिहिन रत्न रत्नावली , रचिके मानस का तुलसीअमर हुइ गये।

कवि राम किशोर तिवारी ने सुनाया- वेद पुरानन का मथिकै, तुलसी यहु राम कथामृत दइगे, घोर अंधेरा भगाय के अन्दर सुन्दर दीपशिखा धइगे। डॉ. मधु गौड़ ने समसामयिक सरोकारों को अपनी रचनाओं में कुछ इस तरह उकेरा – रिस्तन मा मल्ल युद्ध अब तो ठनि गवा अरे, पायेन नहीं दहेजु तो मुहु बनि गवा अरे, कलिही उतारी बहुरिया बड़ी शान से मुला, कोतवाली वाला जस्नु  आजु मनि गवा अरे।

हास्य कवि जमुना पाण्डेय ने जमकर हंसाया ,उन्होंने सुनाया – मोहब्बत जहरु है, मोहब्बति कहरु है, ई बादाम-काजू-मुनक्का नहिन है, ई कब तक चलै और कब छूटी जाये, कोई यहिका बिसकस पक्का नहिन है। कमलेश मौर्य मृदु ने कहा- आँखी आने कै दवाई तो हर ठेकाने मिल रही, आँखी ख्वाले कै दवाई बंटि रही मेवात मा। अन्त में फन भी भंजनों से राजे भोजन के आनन्द के साथ समारोह समापन हुआ। धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद अग्रवाल और आभार डॉ. अरविन्द झा ने दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here