लखनऊ 23 मई।
पद्मश्री योगेश प्रवीन एवं प्रो कमला श्रीवास्तव की स्मृति मे उनके लिखे गीतों की संगीत संध्या का आयोजन किया गया। संकटमोचन हनुमान सेतु मंदिर के सत्संग प्रांगण मे महिलाओं के द्वारा भजनों गीतों की संगीतमय भेंट अर्पित की गयी। ज्योति कलश संस्कृति संस्थान की सचिव कनक वर्मा के संयोजन मे लोक गायिका इन्दिरा श्रीवास्तव अवधी लोकगायिका ,आशा श्रीवास्तव आकाशवाणी दूरदर्शन से ग्रेडेड के निर्देशन मे महिलाओं ने गीतों को तैयार किया। जिसमे नीरा मिश्रा, अंजलि श्रीवास्तव, सुषमा प्रकाश, अपर्णा सिंह, ज्योति किरन रतन, सरिता अग्रवाल, कुमकुम, नीता निगम , शकुंतला,सुमन, पूर्णिमा, मधु ,मंजूला ,ईला सहित पच्चीस महिलाओं की भागीदारी रही। डॉ सरोजिनी के संचालन मे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ आशा श्रीवास्तव के श्लोक से हुआ
इन्दिरा श्रीवास्तव के संग -जगदंबा महारानी देवी गीत
राम नाम रट
-कब मिलिहैँ घनश्याम।
गीत -सात सुरों की सुरधारा
गोपी विरह – कहां छोड़ी मुरली कहां छोड़ी राधा
सोहर -सिया रानी ने जाए
बधैया – बधैया बाजे आँगने मां ।
झूला गीत – सावन झरि लागी
होली गीत – अवध नगरिया छाई रे बहरिया
मुख्य अतिथिः डॉ० मांडवी सिंह, कुलपति, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ ने कहा की संगीत की विरासत को संजोकर ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।
कार्यक्रम अध्यक्ष
पद्मश्री डॉ० विद्याविन्दु सिंह, पूर्व संयुक्त निदेशक, उ०प्र० हिन्दी संस्थान, लखनऊ। ने कहा कि हम तो ऐसे विद्वानो के साथ रहे उनकी सौपी लेखनी को सहेज रहे है ।
विशिष्ट अतिथिः
श्रीमती रश्मि चौधरी, पूर्व निदेशक, आकाशवाणी,
डॉ० उषा बनर्जी, पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, भातखण्डे संस्कृति लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ० रूचि खरे, कथकाचार्य, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय
विशिष्ट आमंत्रितः
श्री अशोक बनर्जी, पूर्व संयुक्त निदेशक, उ०प्र० सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लखनऊ। श्री केवल कुमार, यश भारती, संगीतकार एवं गायक,
श्रीमती आशा
प्रो० डॉ० उषा सिन्हा, अध्यक्ष उपस्थित रहे।