लखनऊ, 1 जुलाई। राष्ट्रीय संस्था कल्चरल क्वेस्ट द्वारा वरिष्ठ कथक गुरु पं.अर्जुन मिश्र का जन्मदिवस बड़े ही उत्साह के साथ उनके शिष्य-शिष्याओं और प्रख्यात कलाकारों द्वारा मनाया गया। वाल्मीकि रंगशाला गोमतीनगर में ‘अर्जुनांश’ कार्यक्रम का प्रारम्भ लगभग 50 शिष्यों द्वारा गुरु वन्दन से किया गया। उसके उपरान्त डाक्यूमेन्ट्री के माध्यम से उनके जीवन के विभिन्न आयामों और उनके कार्यों पर प्रकाश डाला गया। वृत्तचित्र के माध्यम से देश-विदेश के अनेक शिष्यों ने भाव भरे उद्गार व्यक्त कर स्मरण किया।
इसी क्रम में गुरु सुरभि सिंह के वरिष्ठ शिष्यों द्वारा गणेश वन्दना का प्रारम्भ हुआ। जिसमें उनकी प्रमुख शिष्या ईशा रतन, मीशा रतन, अंकिता मिश्रा, आकांक्षा, अंकिता सिंह, संगीता कश्यप, ममता बाजपेयी, रंजिनी, अंशिका त्यागी, आरती, अनुभव और सुन्दर द्वारा हाजिरी लगाई गई। इसके उपरान्त विलम्बित में उपज, थाट, उठान, परन जुड़ी आमद, दुर्गा परन के चमत्कारिक छन्दात्मक रचनाओं को दिखाया गया। उसके उपरान्त देस राग की बंदिश- ‘बादल रे अरज गरज बरसन लागी….’ को बहुत ही सुन्दर ढंग से कथक गतियों और भावों में प्रदर्शित किया गया। तदोपरान्त मध्य लय में कालिया मर्दन की प्रस्तुति में लगभग 50 छोटे-छोटे पौध रूपी शिष्यों द्वारा हाजिरी लगाते हुए गुरु शिष्य परम्परा का बहुत बड़ा उदाहरण दिया गया कि संगीत, नृत्य, गायन, वादन की परम्परा को गुरु शिष्य परम्परा द्वारा ही बचाया और बढ़ाया जा सकता है। इस विशिष्ट मौके पर पं.राम मोहन महाराज, पूर्णिमा पाण्डे, कुमकुम आदर्श, गुलशन भारती, पं.धर्मनाथ मिश्र, पं.अर्जुन मिश्र के पुत्र अनुज मिश्र भी शामिल रहे।
कार्यक्रम में गायन मो.आरिफ ने किया। तबले पर पं.विकास मिश्र, बांसुरी पर दीपेन्द्र कुँवर और सारंगी पर मनीष मिश्र रहे।